नमस्कार दोस्तों
आज मैं आपके सामने कोई इश्क़ विक्स प्यार व्यार की बात नही करुगा । आज मैं उन भारत की लड़कियों की बात करूँगा जिनको देवी का रूप मानकर पूजा जाता है ,तो फिर q एक ही हटके में पैरों में गिराया जाता है और मसला जाता है । बार बार निर्भया ,आसिफा ओर मनीषा जैसी बेटियों का बलात्कार होता रहेगा ,
हे 21वी सदी के महान भारत । तू क्या इसी से जाना जाएगा ।
नमस्कार दोस्तों मेरा नाम कपिल शर्मा है आज की कविता मेरी फैमिलीइसम पर है ,
शुरू करने से पहले , मेरे कुछ सवाल है और वो आपके लिए ही क्योंकि आप से ओर मेरे से मिलकर ही एक समाज का निर्माण होता है ,
युगों - युगों से औरत ( लड़की ) पे अत्यचार होते रहे है चाहये वो महाभारत काल हो या रामायण काल ।
महाभारत काल मे जो द्रौपती का चीर हरण हुआ था क्या वो सही था ,क्या उससे रोका नही जा सकता था , द्रौपती क्या वस्तु थी जिसको पहले तो पांडवो में बटा गया । फिर जूए ये मैं हार दी गयी ।
या बात करें रामायण की जिसमें माता सीता अपने पत्नीधर्म का पालन करते हुए चौदह वर्ष का वनवास भोगती है ,ओर अंत में उनको भी अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ता है ,ये कहा तक जायज था
आज भी अधिकांश लड़कियों को घर से बहार जाने नही दिया जाता ,खुद की मर्ज़ी से कोई काम नही करने दिया जाता । पढ़ाई , हो या नोकरी सब से दूर रखा जाता है ,क्यू आज भी लड़कियों को बोझ समझा जाता है ,ओर गर्भ में ही मर दिया जाता है क्या यही समाज है , क्या यही समाज की सोच है जो केवल लड़की पर आकर रुक जाती है ,
इसी पर आधरित है आज का शीर्षक है लड़की होना आसान नही है
चलिए शुरू करते है ....
देवी का रूप मानकर करते है जिसकी पूजा वो लड़की का जीवन होता नही।आसा
पापा की पारी, पापा की पारी पर उन परियो को कुछ हद तक ही उड़ने दिया जाता है ,
लड़को से कम तादाद जिनकी कभी पूछा उनसे की उनको कैसा महसूस होता है ,
लड़की होना आसान नही ।
फिर भी खुद को अंदर ही अंदर संभाल लेती है लड़की ,दुपट्टा कहा तक लगाना है ,ये समझती है उसकी अम्मी ।
उसने कपड़े तो खुद को सजाने के लिए पहने ,पर उसको आँखों से ही निवस्त्र कर दिया जाता है ,
कुछ लड़कियां मना लेती है घर - परिवार जॉब ,काम धंधा करने के लिए ,तोह कहि उनका ही धंधा किया जाता है अरे हा
लड़की होना आसान नही होता
कितना डर लिए जाती है बहार कहि लूट ना ले उसको बाज़ार
लाख खूबियां हो मुझमे फिर भी रोकी जाती हूं कुछ हु नही फिर भी सब की हो जाती हूं मैं लड़की हूं मैं लड़की हूं
हवस भरी इस दुनिया में मैं हर रोज बेची जाती हूं ओर वो लक्ष्मी का रूप भी में हूं जो घर - घर पूजी जाती हूं और खुद से रातों में पूछा करती हूं मैं की कौन हूं मैं कौन हूं मैं ...
अब बारी लड़की की है अपनी पसंद ओर जीवन जीने की है, बहुत सहन कर लिया लड़की ने बस अब बारी उसी लड़की की है, अब सहन शक्ति टूटी है ,समाज की सच्चाई फूटी है लड़की की जुबान कड़वी है अरे हा ..लड़की होना आसान नही है
लड़की होना आसान नही .......
आशा है दोस्तों आपको मेरी रचना लड़की होना आसान नही .....आपको अगर अछि लगी हो तोह हमें फॉलो करें । आप हमे कमेंट्स भी कर सकते है और अपने सुझाव भी दे सकते है प्ल्ज़ हमे फॉलो करें ।
कपिल शर्मा (जयपुर ,राजस्थान )
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