Safar सफ़र - सफर मेरी राह का | हिंदी कविता | भावनात्मक लेखन | कपिल शर्मा | hindi kavita | poem
नमस्कार दोस्तों
काफी समय से कोई भी लेखन नही आया उसके लिए आप सभी से माफी मांगता हूं ,आपके सफ़र मैं मेरा सफ़र है ,मैं आपके लिए ऐसे ही कविता ,लेखन कहानी व शायरी लेकर आता रहूंगा ।
हेलो दोस्तो मेरा नाम है कपिल शर्मा और आज मैं लेकर आया हु आपके लिए
सफ़र
सफ़र मेरी राह का बस ऐसे ही चल रहा है चुप हु मैं पर दिल रो रहा है
सफर मेरी रूह का कुछ लफ्ज़ो में ही सिमट गया ।
इस वीणा को झंकृत कर एक स्वर अधर ही छिटक गया ।
कुछ समय से परेशान था पर अब ठीक हु ,कोई समझ नही पाया कि मैं क्या था अब क्या हो गया हूं ,ऐसे भी लोग है दुनिया में जो बस खुद के लिए जीया करते है दर्द तो बहुत दिया अपनो ने ही ,कोई पढ़ाई तो कोई कमाई मैं लगा है ,मेरा दर्द अब कहा किसी ओर का है ,
निकल रहे हैं ..सब मुझे यू ही अकेला करके कुछ नया होता है..
कुछ पुराना पीछे रह जाता है...
कुछ ख्वाईशैं दिल मैं रह जाती हैं..
कुछ बिन मांगे मिल जाती हैं ...सब क़िस्मत का खेल है यारो ,कोई सब कुछ दे जाता है ,तो कोई कुछ भी नही ,
छौड कर चले गये.. उम्मीद है कुछ नये जुड़ेंगे, जीवन के इस सफर में..
कुछ मुझसे नाराज हैं..
कुछ मुझसे खुश भी होंगे
कुछ मुझे भूल गये...
कुछ मुझे याद भी करते होंगे. मेरे दर्द की परिभाषा वो ठीक से समझते तो होंगे
कुछ शायद अनजान हैं मेरी कहानी से
और कुछ मुझसे बहुत परेशान भी होंगे..मेरी इस चुप्पी से
कुछ को इंतज़ार होंगा. मेरा कुछ का मुझे इंतज़ार करना होंगा.
मुझ में अगर कुछ सही है तो कुछ गलत भी होंगा।
में अकेला ही चला था इस सफ़र पर ओर आज सफर तो निकल गया आगे पर मैं अकेला हु आज भी उस सफर मैं कहानी अभी चल ही रही है इससे देख कर लोगों की जल रही है ,मैं नही कहता कि तुम आ जाओ मेरे सफर मैं बस तुमको देखकर मुस्कान सी रहे गयी है
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कपिल शर्मा
जयपुर ( राजस्थान )